भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"आवाज़ / प्रताप सहगल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रताप सहगल |अनुवादक= |संग्रह=आदि...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

11:33, 14 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण

एक बूढ़े ने
दिशा बदल दी है
अपने आकार में तह कर दिया
सारा आकाश।
कोई ताकत की गोलियां खाकर
'पार्लियमेन्ट' से
आवाजें उठायेगा
आकाश की ओर
और धीरे से छोड़ देगा
रक्त-नलिकाओं का प्रवाह
इतने हास्यास्पद समय में
इस बदलाव के खिलाफ़
हमारे पास क्या है
आवाज़ के सिवाय।

1966