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"निकटता / शशि सहगल" के अवतरणों में अंतर

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11:30, 16 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण

खड़े रहे हम दोनों
पास-पास
होती रही बरसात
तेज़ मूसलाधार।
जामुन का पेड़
रस-भरे जामुन
भरते रहे हमारा मन।

खड़े हैं हम दोनों
पास, बहुत पास
हो रही है बरसात
ध्यान में हैं
बच्चे, राशन और
पूजा का सामान।