भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"पोसाळ / मदन गोपाल लढ़ा" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मदन गोपाल लढ़ा |संग्रह=म्हारै पांती री चिंतावा…)
 
 
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
 
|संग्रह=म्हारै पांती री चिंतावां / मदन गोपाल लढ़ा  
 
|संग्रह=म्हारै पांती री चिंतावां / मदन गोपाल लढ़ा  
 
}}
 
}}
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
+
{{KKCatRajasthaniRachna}}
 
{{KKCatKavita‎}}
 
{{KKCatKavita‎}}
<Poem>
+
<poem>
 
+
 
+
 
तीस बरस जूनी
 
तीस बरस जूनी
 
भीतां ई
 
भीतां ई
पंक्ति 21: पंक्ति 19:
 
आ पोसाळ
 
आ पोसाळ
 
कींकर
 
कींकर
कम है किणी मिंदर सूं ?
+
कम है किणी मिंदर सूं?
 
+
</poem>
</Poem>
+

10:31, 17 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण

तीस बरस जूनी
भीतां ई
भणी-गुणी है अठै
कान पाकग्या
अ अनार
आ आम री टेर सुणतां
सातवैं सुर में
बारखड़ी रो बालणो
मंतरा सूं होड करै।

आ पोसाळ
कींकर
कम है किणी मिंदर सूं?