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"एहसानमन्द हूँ पिता / सविता सिंह" के अवतरणों में अंतर
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एहसानमन्द हूँ पिता | एहसानमन्द हूँ पिता | ||
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कि पढ़ाया-लिखाया मुझे इतना | कि पढ़ाया-लिखाया मुझे इतना | ||
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बना दिया किसी लायक कि जी सकूँ निर्भय इस संसार में | बना दिया किसी लायक कि जी सकूँ निर्भय इस संसार में | ||
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झोंका नहीं जीवन की आग में जबरन | झोंका नहीं जीवन की आग में जबरन | ||
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बांधा नहीं किसी की रस्सी से कि उसके पास ताकत और पैसा था | बांधा नहीं किसी की रस्सी से कि उसके पास ताकत और पैसा था | ||
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लड़ने के लिए जाने दिया मुझको | लड़ने के लिए जाने दिया मुझको | ||
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घनघोर बारिश और तूफ़ान में | घनघोर बारिश और तूफ़ान में | ||
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एहसानमन्द हूँ कि इन्तज़ार नहीं किया | एहसानमन्द हूँ कि इन्तज़ार नहीं किया | ||
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मेरे जीतने और लौटने का | मेरे जीतने और लौटने का | ||
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मसरूफ़ रहे अपने दूसरे कामों में | मसरूफ़ रहे अपने दूसरे कामों में | ||
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08:35, 21 अप्रैल 2014 के समय का अवतरण
एहसानमन्द हूँ पिता
कि पढ़ाया-लिखाया मुझे इतना
बना दिया किसी लायक कि जी सकूँ निर्भय इस संसार में
झोंका नहीं जीवन की आग में जबरन
बांधा नहीं किसी की रस्सी से कि उसके पास ताकत और पैसा था
लड़ने के लिए जाने दिया मुझको
घनघोर बारिश और तूफ़ान में
एहसानमन्द हूँ कि इन्तज़ार नहीं किया
मेरे जीतने और लौटने का
मसरूफ़ रहे अपने दूसरे कामों में