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"आवारा दिन / पूर्णिमा वर्मन" के अवतरणों में अंतर
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| − | माटी की | + | माटी की |
| − | खुशबू में पलते | + | खुशबू में पलते |
| − | एक खुशी से | + | एक खुशी से |
| − | हर दुख छलते | + | हर दुख छलते |
| − | बाड़ी, चौक, गली अमराई | + | बाड़ी, चौक, गली अमराई |
| − | हर पत्थर गुरुद्वारा थे | + | हर पत्थर गुरुद्वारा थे |
| − | हम सूरज | + | हम सूरज |
| − | भिनसारा थे | + | भिनसारा थे |
| − | किसने बड़े | + | किसने बड़े |
| − | ख़्वाब देखे थे | + | ख़्वाब देखे थे |
| − | किसने ताज | + | किसने ताज |
| − | महल रेखे थे | + | महल रेखे थे |
| − | माँ की गोद, पिता का साया | + | माँ की गोद, पिता का साया |
| − | घर घाटी चौबारा थे | + | घर घाटी चौबारा थे |
| − | हम घर का | + | हम घर का |
| − | उजियारा थे< | + | उजियारा थे |
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09:21, 28 जून 2014 के समय का अवतरण
दिन कितने आवारा थे
गली गली और
बस्ती बस्ती
अपने मन
इकतारा थे
माटी की
खुशबू में पलते
एक खुशी से
हर दुख छलते
बाड़ी, चौक, गली अमराई
हर पत्थर गुरुद्वारा थे
हम सूरज
भिनसारा थे
किसने बड़े
ख़्वाब देखे थे
किसने ताज
महल रेखे थे
माँ की गोद, पिता का साया
घर घाटी चौबारा थे
हम घर का
उजियारा थे
