भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"मन्नै तो पिया गंगा न्हुवादे / हरियाणवी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=हरियाणवी |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह=शा...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
पंक्ति 3: पंक्ति 3:
 
|भाषा=हरियाणवी
 
|भाषा=हरियाणवी
 
|रचनाकार=अज्ञात
 
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह=शादी-ब्याह के गीत / हरियाणवी
+
|संग्रह=
 
}}
 
}}
 
{{KKCatHaryanaviRachna}}
 
{{KKCatHaryanaviRachna}}
 
<poem>
 
<poem>
साथिण का जंचा दिया ठीक मावस कै अड़कै
+
मन्नै तो पिया गंगा न्हुवादे जा रा सै संसार, हां ए जा रा सै संसार
मैं मंरू अक जीऊं मेरी माय साथिण मेरी जायगी तड़कै
+
तन्नै तो गोरी क्यूंकर न्हुवाद्यूं हात्तड़ पड़ री भैंस, हां ए हात्तड़ पड़ री भैंस
साथिण का कर्या कसार कढ़ाई भर भर कै
+
एक जनत पिया मैं बतलाद्यूं कर दे बेड़ा पार, हां ए कर दे बेड़ा पार
मैं मरूं अक जीऊं मेरी माय साथिण मेरी जायगी तड़कै
+
खूंटी पै मेरा दामण लटकै चंुदड़ी छापेदार, हां ए चूंदड़ी छापेदार
साथिण की दिखादी तील पिलंग पै धर के
+
डब्बे में मेरी नाथ धरी सै पहर काढियो धार, हां ए पहर काढियो धार
मैं मरूं अक जीऊं मेरी माय साथिण मेरी जायगी तड़कै
+
बाहर तै एक मोडिया आया बेब्बे भिछा घाल, हां ए बेब्बे भिछा घाल
साथिन ने आई घाल पहर कै तड़कै
+
बेब्बे तो तेरी न्हाण गई सै जीज्जा काढै धार, हां ए जीज्जा काढे धार
मैं मरूं अक जीऊं मेरी माय साथिण मेरी जायगी तड़कै
+
खुंटा पड़ागी जेवड़ा तुड़ागी भाजगी सै भैंस, हां ए भाजगी सै भैंस
मैं पड़ी खटोली के बीच सबर सा करकै
+
डंडा लैके पाछे होलिया लैण गया था भैंस, हां ए लैण गया था भैंस
मैं मरूं अक जीऊं मेरी माय साथिण मेरी जायगी तड़कै
+
गाती खुलगी पल्ला उडग्या मूंछ फड़ाके ले, हां ए मूंछ फड़ाके ले
 +
गलियां में यो चरचा हो रही देखी मुछड़ नार, हां ए देखी मुछड़ नार
 +
कोट्ठे चढकै रुक्कै मारे कोई मत भेज्जे न्हाण, हां ए कोए मत भेज्जो न्हाण
 
</poem>
 
</poem>

20:06, 14 जुलाई 2014 के समय का अवतरण

मन्नै तो पिया गंगा न्हुवादे जा रा सै संसार, हां ए जा रा सै संसार
तन्नै तो गोरी क्यूंकर न्हुवाद्यूं हात्तड़ पड़ री भैंस, हां ए हात्तड़ पड़ री भैंस
एक जनत पिया मैं बतलाद्यूं कर दे बेड़ा पार, हां ए कर दे बेड़ा पार
खूंटी पै मेरा दामण लटकै चंुदड़ी छापेदार, हां ए चूंदड़ी छापेदार
डब्बे में मेरी नाथ धरी सै पहर काढियो धार, हां ए पहर काढियो धार
बाहर तै एक मोडिया आया बेब्बे भिछा घाल, हां ए बेब्बे भिछा घाल
बेब्बे तो तेरी न्हाण गई सै जीज्जा काढै धार, हां ए जीज्जा काढे धार
खुंटा पड़ागी जेवड़ा तुड़ागी भाजगी सै भैंस, हां ए भाजगी सै भैंस
डंडा लैके पाछे होलिया लैण गया था भैंस, हां ए लैण गया था भैंस
गाती खुलगी पल्ला उडग्या मूंछ फड़ाके ले, हां ए मूंछ फड़ाके ले
गलियां में यो चरचा हो रही देखी मुछड़ नार, हां ए देखी मुछड़ नार
कोट्ठे चढकै रुक्कै मारे कोई मत भेज्जे न्हाण, हां ए कोए मत भेज्जो न्हाण