भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"प्रयत्न / नरेन्द्र मोदी / अंजना संधीर" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नरेन्द्र मोदी |अनुवादक=अंजना संध...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
Sharda suman (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 5: | पंक्ति 5: | ||
|संग्रह=आँख ये धन्य है / नरेन्द्र मोदी | |संग्रह=आँख ये धन्य है / नरेन्द्र मोदी | ||
}} | }} | ||
− | + | {{KKCatKavita}} | |
− | + | ||
+ | <poem> | ||
सर झुकाने की बारी आये | सर झुकाने की बारी आये | ||
ऐसा मैं कभी नहीं करूँगा | ऐसा मैं कभी नहीं करूँगा | ||
पर्वत की तरह अचल रहूँ | पर्वत की तरह अचल रहूँ | ||
व नदी के बहाव सा निर्मल | व नदी के बहाव सा निर्मल | ||
− | + | ||
शृंगारित शब्द नहीं मेरे | शृंगारित शब्द नहीं मेरे | ||
नाभि से प्रकटी वाणी हूँ | नाभि से प्रकटी वाणी हूँ | ||
− | |||
मेरे एक एक कर्म के पीछे | मेरे एक एक कर्म के पीछे | ||
ईश्वर का हो आशीर्वाद | ईश्वर का हो आशीर्वाद | ||
− | |||
− | |||
</poem> | </poem> |
15:22, 11 जनवरी 2015 के समय का अवतरण
सर झुकाने की बारी आये
ऐसा मैं कभी नहीं करूँगा
पर्वत की तरह अचल रहूँ
व नदी के बहाव सा निर्मल
शृंगारित शब्द नहीं मेरे
नाभि से प्रकटी वाणी हूँ
मेरे एक एक कर्म के पीछे
ईश्वर का हो आशीर्वाद