भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"टेरत है घनश्याम तुम्हे तो / बुन्देली" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=बुन्देल...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

17:48, 23 जनवरी 2015 के समय का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

टेरत हैं घनश्याम तुम्हें तो
कोई टेरत है नन्दलाल
टेरत-टेरत दूर निकल गईं,
लेत तुम्हारो नाम। तुम्हें तो...
गोरी-गोरी उमर की छोटी,
राधा उनका नाम। तुम्हें तो...
कहां का रहना, कहां का मिलना,
कहां भई पहचान। तुम्हें तो...
गोकुल रहना, मथुरा मिलना,
बरसाने पहचान। तुम्हें तो...
टेरत हैं घनश्याम...