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"हठ पर गई गौरा नार / बुन्देली" के अवतरणों में अंतर

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16:59, 29 जनवरी 2015 के समय का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हठ पर गई गौरा नार,
महादेव मढ़िया हमें बनवाय दियो।
काहे की मढ़िया बनवाई,
काहे के कलश धराये। हमें...
चूना ईंटा की मढ़िया बनाई,
सोने के कलश धराये। हमें...
कै जोजन मढ़िया बनी औ
कै जोजन विस्तार महादेव। हमें...
नौ जोजन मढ़िया बनी औ
दस जोजन विस्तार महादेव। हमें...
को मढ़िया में बैठयों औ
कौना करे विस्तार महादेव। हमें...
गौर मढ़िया में बैठिहे औ
भोला करे विस्तार महादेव। हमें...