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लाल बत्ती पर होता है,
उसकी मुस्कुराहट का सिग्नल हरा
दौड़ती है वो
मुट्ठी में दबाए धागे
रंग-बिरंगे गुब्बारों के।
नहीं,
यह किसी बचपन की परीकथा नहीं,
बेचती है वो गुब्बारे वहां,
शहर की रफ्तार का होता है
सिलसिला थमा जहां।