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बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
छुन छुन चिरैया उड़ चली
मोरी रून झुन चिरैया उड़ चली। मोरे लाल
मोरी चाँवरन भरी चंगेल
चिरैया मोरी उड़ चली मोरे लाल।
आजुल ने उनकी दई है निकार
आजी रानी ने लई है दुबकाय
चिरैया मोरी उड़ चली। छुन छुन...
उनके आजुल कौ बड़ौ परिवार
चिरैया मोरी छोड़ चली मोरे लाल।
बाबुल ने उनकी दई है निकार
मैया रानी ने लई है दुबकाय
चिरैया मोरी उड़ चली। मोरी चाँवर भरी...
उनके बाबुल कौ बड़ो परिवार, चिरैया मोरी
चिरैया मोरी छोड़ चली मोरे लाल।
मोरी चाँवरन भरी चंगेल
चिरैया मोरी उड़ चली मोरे लाल