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"काटे कुटे पान लयाये / बघेली" के अवतरणों में अंतर

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बघेली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

काटे कूटे पान लयाये
खोखली सुपारी रे
बापौ पूत बिआहन आये
लंगड़ी महतारी रे