भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"मीठी बातें / त्रिलोक सिंह ठकुरेला" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=त्रिलोक सिंह ठकुरेला |अनुवादक= |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

10:40, 20 मार्च 2015 के समय का अवतरण

मीठे ­ मीठे बोल सुनाती,
फिरती डाली ­ डाली।
सब का ही मन मोहित करती
प्यारी कोयल काली ॥

बाग­ बाग में, पेड़­ पेड़ पर,
मधुर सुरो में गाती।
रुप नहीं, गुण प्यारे सबको
सबको यह समझाती॥

मीठी ­ मीठी बातें कहकर
सब कितना सुख पाते।
मीठी ­मीठी बातें सुनकर
सब अपने हो जाते॥

कहती कोयल प्यारे बच्चो!
तुम भी मीठा बोलो।
प्यार भरी बातों से तुम भी
सब के प्यारे हो लो॥