भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"मीठी बातें / त्रिलोक सिंह ठकुरेला" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=त्रिलोक सिंह ठकुरेला |अनुवादक= |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
10:40, 20 मार्च 2015 के समय का अवतरण
मीठे मीठे बोल सुनाती,
फिरती डाली डाली।
सब का ही मन मोहित करती
प्यारी कोयल काली ॥
बाग बाग में, पेड़ पेड़ पर,
मधुर सुरो में गाती।
रुप नहीं, गुण प्यारे सबको
सबको यह समझाती॥
मीठी मीठी बातें कहकर
सब कितना सुख पाते।
मीठी मीठी बातें सुनकर
सब अपने हो जाते॥
कहती कोयल प्यारे बच्चो!
तुम भी मीठा बोलो।
प्यार भरी बातों से तुम भी
सब के प्यारे हो लो॥