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पँवारी लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

गढ़ा सी आई गढ़ पाव्हनीन
वा गढ़ा सी आई गढ़ पाव्हनीन
ओका भैया खऽ लायो साथ, लल्ला
रात मऽ तारा रघु- मैल्या।
वा कसी चलय चाल, लल्ला
रात मऽ तारा रघु मैल्या।।
वा ठुमकत चलय चाल, लल्ला
रात मऽ तारा रघु मैल्या।।
तोरा कोन सा खसम को गाँव, लल्ला
रात मऽ तारा रघु मैल्या।।
ओका मुन्ना खसम को गाँव, लल्ला
रात मऽ तारा रघु मैल्या।।
ओकी थर-थर कापय पिण्डी
ओकी कमर लहुरिया लेय, लल्ला
रात मऽ तारा रघु- मैल्या।।
गढ़ा सी आई गढ़ पाव्हनीन
ओका भैया खऽ लायो साथ लल्ला
रात मऽ तारा रघु- मैल्या।।