भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"गाँजौ पियो न प्रीतम प्यारे / ईसुरी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=बुन्देली |रचनाकार=ईसुरी |संग्रह= }} {{KKC...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
17:24, 1 अप्रैल 2015 के समय का अवतरण
बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: ईसुरी
गाँजौ पियो न प्रीतम प्यारे।
जरजें कमल तुमारे।
जारत काम बिगारत सूरत
सूकत रकत नियारे
जो-तौ आय साधु सन्तन कौ,
अपुन गिरस्ती वारे।
ईसुर कात छोड़ दो ईखाँ
हौ उमर के बारे।