भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"जेतना सतावल चाहे / मोती बी.ए." के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मोती बी.ए. |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita}...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
16:38, 20 मई 2015 का अवतरण
जेतना सतावल चाहे ओतना सताले
चाहे मुआदे हमके चाहे जिया दे
मारे के बटले बा त जवनेंगा मार
अन्हे हटा के चाहे लगे बोला के
मुवही के बाटे हमके तोहरे गली में
चाहे हँसा के मार चाहे रोआ के
परदा में छिप के चाहे सूरति देखा के
मार पियासन चाहे पानी पिया के
आपन घर बाटे लूटे के अपने
लूट जरा के दीया चाहे बुता के
18.03.96