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"जो लौट नहीं सकते थे / निशांत" के अवतरणों में अंतर

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17:44, 1 जुलाई 2015 के समय का अवतरण

लड़ाई तो सबकी थी
लेकिन जंग में / कुछ एक ही कूदे
उन्हें भरोसा था कि
वे लौटेंगे उनके पीछे एक दिन
लेकिन ये क्या?
वे तो उन्हें ही / चिढ़ाने लगे
मूर्ख और गँवार बताने लगे
सच्चाई तोड़कर जो कूदे थे
उनमें से भी कुछ / वापिस जाने लगे
और जो लौट नहीं सकते थे
वे पछताने लगे।