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"किरण का सन्देश / श्रीनाथ सिंह" के अवतरणों में अंतर
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14:46, 13 जुलाई 2015 के समय का अवतरण
मेरे कमरे में सूरज की,
एक किरण नित आती है।
जिसको पाती पास उसी पर,
अपनी चमक चढ़ाती है।
बच्चे होते हैं उदास पर,
वह हरदम मुस्काती है।
चुपके से आखें चमका कर,
कानों में कह जाती है।
प्यारे बच्चे! मुझसा ही है,
चमकदार तेरा जीवन।
भारत माता सूरज सी है,
तू है उसकी एक किरण।