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"खेल / श्रीनाथ सिंह" के अवतरणों में अंतर

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14:53, 13 जुलाई 2015 के समय का अवतरण

 ये बाबूजी की पुस्तक हैं
इनको यहाँ कौन लाया
कहकर अम्मा ने बच्चों को
नकली गुस्सा दिखलाया
मुनिया छिपी मेज के नीचे
 माधव पर रह गया खड़ा
नकली डर दिखलाया उसने
था वह भी चालाक बड़ा
बच्चों को यों डरा देखकर
 माँ ने उनसे मेल किया
   चुपके से तब मुनिया बोली
कैसा अच्छा खेल किया