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"स्वाद का गीत / शेरजंग गर्ग" के अवतरणों में अंतर
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दीदी को भाता नमकीन,
भैया बर्फी के शौक़ीन।
मूँगफली पर लट्टू राजू,
मम्मी खाती किशमिश काजू।
हम कहते हैं खुल्लम-खुल्ला,
हमको प्यारा है रसगुल्ला।