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"पितृ ऋण / असंगघोष" के अवतरणों में अंतर

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पिता के पिता
खलीफा थे अखाड़े के,
नहीं थे पिता
उस्ताद कहीं के
मुझे जिन्दगी का
क, ख, ग, समझाने में
मेरे गुरु हैं
मेरे पिता।