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"कहता हूँ अलविदा / असंगघोष" के अवतरणों में अंतर
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21:23, 13 अक्टूबर 2015 के समय का अवतरण
हाँ मेरे
हर सवाल का
जवाब होता है
तुम्हारे पास
और कुछ के जवाब
तुम हर बार की तरह
टाल जाते हो
वहीं कुछ का जवाब
समय पर छोड़ देने की
तुम्हारी
आदत है पुरानी
तुम्हारे
इस समय की
कोई सीमा भी नहीं
कहते हो
”भला इस समय को
सीमा में बाँध
शूद्र
कभी
दे सकता है चुनौती?“
लेकिन
अब नहीं
अब मेरा कोई
सवाल नहीं
सारे सवालों के
तुम्हारे सबके सब जवाब
जानता हूँ मैं
बस तुम तैयार रहो
आज से
तुम्हारे हर जवाब को
कहता हूँ मैं अलविदा!
और छोड़ता हूँ
हर सवाल को
आने वाले कल के लिए
जो दे सकेगा
जवाब
कमजकम तुम्हारी तरह तो नहीं।