भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"तुम्हारे आने पर / मोहिनी सिंह" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मोहिनी सिंह |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
00:42, 26 नवम्बर 2015 के समय का अवतरण
तुम्हारा आना
और मेरा एक जटिल कविता पढ लेना
छाप है, कुछ अनुभूति भी है
उत्सुकता बांधे गहराई है
कई जानी पहचानी पंक्तिया
कई अटपटी उपमाएं
कई रंगो की उलझी डोरियााँ
सुलझाना
और इस छोर से उस छोर तक कभी ना पहुंच पाना ।