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− | सदियों-सदियों वही तमाशा | + | सदियों-सदियों वही तमाशा |
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− | लेकिन जब हम मिल जाते हैं | + | लेकिन जब हम मिल जाते हैं |
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− | जाने क्या-क्या बोल रहा था | + | जाने क्या-क्या बोल रहा था |
− | सरहद, प्यार, किताबें, ख़ून | + | सरहद, प्यार, किताबें, ख़ून |
− | कल मेरी नींदों में छुपकर | + | कल मेरी नींदों में छुपकर |
− | जाग रहा था जाने | + | जाग रहा था जाने कौन। |
− | मैं उसकी परछाई हूँ या | + | मैं उसकी परछाई हूँ या |
− | वो मेरा आईना है | + | वो मेरा आईना है |
− | मेरे ही घर में रहता है | + | मेरे ही घर में रहता है |
− | मेरे जैसा जाने | + | मेरे जैसा जाने कौन। |
− | किरन-किरन अलसाता सूरज | + | किरन-किरन अलसाता सूरज |
− | पलक-पलक खुलती नींदें | + | पलक-पलक खुलती नींदें |
− | धीमे-धीमे बिखर रहा है | + | धीमे-धीमे बिखर रहा है |
− | ज़र्रा-ज़र्रा जाने | + | ज़र्रा-ज़र्रा जाने कौन। |
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16:15, 8 फ़रवरी 2016 के समय का अवतरण
मुँह की बात सुने हर कोई
दिल के दर्द को जाने कौन
आवाज़ों के बाज़ारों में
ख़ामोशी पहचाने कौन।
सदियों-सदियों वही तमाशा
रस्ता-रस्ता लम्बी खोज
लेकिन जब हम मिल जाते हैं
खो जाता है जाने कौन।
जाने क्या-क्या बोल रहा था
सरहद, प्यार, किताबें, ख़ून
कल मेरी नींदों में छुपकर
जाग रहा था जाने कौन।
मैं उसकी परछाई हूँ या
वो मेरा आईना है
मेरे ही घर में रहता है
मेरे जैसा जाने कौन।
किरन-किरन अलसाता सूरज
पलक-पलक खुलती नींदें
धीमे-धीमे बिखर रहा है
ज़र्रा-ज़र्रा जाने कौन।