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"भीगी आँखें / निदा नवाज़" के अवतरणों में अंतर
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12:43, 12 फ़रवरी 2016 के समय का अवतरण
शाम हुई और तारे
आकाश की टहनियों से
तड़प-तड़प कर गिरने लगे
मैंने अपने गगन के
चाँद को देखा
उसकी आँखें भीगी थीं।