भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"सींग / अमरेन्द्र" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अमरेन्द्र |अनुवादक= |संग्रह=तुक्त...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
17:14, 6 मई 2016 के समय का अवतरण
जेकरोॅ सींग खड़ा ‘खड़सिंगी’
जकरोॅ सिंगे नै-ऊ ‘मुडली’
‘धोंधरी’ घुंघरैलोॅ सींग वाली
दूध पिठाली मोटोॅ छाली
मुट्ठी भर सींग वाली ‘मुठिया’
जे रं माथोॅ पर दू चुटिया
‘चतरी’ जेकरोॅ तिरछोॅ सींग
धांगड़ नाँचै धिंग धिंग धींग।
जेकरोॅ लुरपुच सींग ऊ मौनी
सड़तौ दांत जों खैबे खैनी।