भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"पाँचों बहिन शीतल मैया / अंगिका" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=अंगिका }} {...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

22:51, 12 मई 2016 के समय का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

पाँच बहिन शीतल मैया, पाँचों हैं कुमारी- पाँचों रे बहिन अगम रे अपार।
अगम अपार रमता साजल गे बहिना- चलो गे बहिना कमरू के राज।
कमरू के राज बहिना नैना योगिनियाँ- राखोॅ गे बहिन नजरी चढ़ाय।
मार गुण पीठिया सँभार गुण गे बहिना- एहि विधि राखोॅ संसार।

पाँच बहिन मालत मैया, पाँचों हैं कुमारी- पाँचों रे बहिन अगम रे अपार।
अगम अपार रमता साजल गे बहिना- चलो गे बहिना कमरू के राज।
कमरू के राज बहिना नैना योगिनियाँ- राखोॅ गे बहिन नजरी चढ़ाय।
मार गुण पीठिया सँभार गुण गे बहिना- एहि विधि राखोॅ संसार।

पाँच बहिन धनसर मैया, पाँचों हैं कुमारी- पाँचों रे बहिन अगम रे अपार।
अगम अपार रमता साजल गे बहिना- चलो गे बहिना कमरू के राज।
कमरू के राज बहिना नैना योगिनियाँ- राखोॅ गे बहिन नजरी चढ़ाय।
मार गुण पीठिया सँभार गुण गे बहिना- एहि विधि राखोॅ संसार।

पाँच बहिन फूलसर मैया, पाँचों हैं कुमारी- पाँचों रे बहिन अगम रे अपार।
अगम अपार रमता साजल गे बहिना- चलो गे बहिना कमरू के राज।
कमरू के राज बहिना नैना योगिनियाँ- राखोॅ गे बहिन नजरी चढ़ाय।
मार गुण पीठिया सँभार गुण गे बहिना- एहि विधि राखोॅ संसार।

पाँच बहिन कालि मैया, पाँचों हैं कुमारी- पाँचों रे बहिन अगम रे अपार।
अगम अपार रमता साजल गे बहिना- चलो गे बहिना कमरू के राज।
कमरू के राज बहिना नैना योगिनियाँ- राखोॅ गे बहिन नजरी चढ़ाय।
मार गुण पीठिया सँभार गुण गे बहिना- एहि विधि राखोॅ संसार।