भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"गुड़बा-गुड़िया / अमरेन्द्र" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अमरेन्द्र |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatAngi...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

01:12, 11 जून 2016 के समय का अवतरण

गुड़िया गेलै अपनोॅ घोॅर
गुड़बा केॅ लागलै छै जोॅर।
ऐलै वैद्य जड़ी लै साथ
माथा पर फेरै छै हाथ
नाड़ी देखै दाबी केॅ
रोग न कुछुओ पाबी केॅ
बैद्य बेचारा होलै दंग
बुद्धि नै दै हुनको संग
जड़ी तुरते बूकी लेलकै
मंतर वै पर फूँकी देलकै
जीहा पर जेन्है राखलकै
गुड़बो सबटा थूकी देलकै

गुड़िया सबटा बात सुनी केॅ
लेलकै माथोॅ वहीं धुनी केॅ।