भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"अबूझा / स्वरांगी साने" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=स्वरांगी साने |अनुवादक= |संग्रह= }} {...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
01:30, 5 जुलाई 2016 के समय का अवतरण
आसमान में उड़ती हर चीज़ दिखाती है
कौआ, तोता,मैना, चिड़िया, कबूतर
पतंग, हवाई जहाज़ भी
हर उड़ती चीज़ देख वह ताली बजाती है।
ज़मीन पर भागती-दौड़ती
चलती-फिरती
बिल्ली-गाय, बकरी
और कार, दुपहिया
देख भी वह खुश होती है
सबसे परिचय कराते-कराते
वह दिखाती है उसे
ये हैं लोग और उनके चेहरे
वह ताली नहीं बजा पाती
हठात् अपने नन्हें हाथ
खुले मुँह पर रख देती है
अनजानापन उसकी आँखों में होता है
और
यह भी कुछ समझा नहीं पाती उसे।