भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"असम्बद्ध / शब्द प्रकाश / धरनीदास" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=धरनीदास |अनुवादक= |संग्रह=शब्द प्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
04:18, 20 जुलाई 2016 के समय का अवतरण
राम नगर में बनो बनावो, धरनीश्वर को द्वारा।
लैहैं जानि मानि महिमडल, साधु सन्त संचारा॥1॥
चारि सम्प्रदा चारि संगती, चारि खूँट यश पैहैं।
बाल गेपाल दास धरनी के, धरनीश्वरी कहै हैँ॥2॥