भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"चेतावनी / शब्द प्रकाश / धरनीदास" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=धरनीदास |अनुवादक= |संग्रह=शब्द प्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

04:32, 20 जुलाई 2016 के समय का अवतरण

अधो-मुख वास दस मास अवकाश नहि, जठरयाँ अनल की आँचवारी।
बालपन बीतिगो तरुनपन तेजमो, परे विष स्वाद धनधाम नारी॥
वृद्धपन आइगो चौंकि चित चेतभां, बिना जगदीश यमत्रास भारी।
बूझि मन देखु तोहि सूझि कछु पर्त नहि, धरनि तजि चलैगो हाथ झारी॥8॥