भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"सलाम अलौक / शब्द प्रकाश / धरनीदास" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=धरनीदास |अनुवादक= |संग्रह=शब्द प्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(कोई अंतर नहीं)

09:34, 21 जुलाई 2016 का अवतरण

कौल करार विसारत हो, कित लागत बात वरावरु रे।
मालिक नाम गयंदहि छोड़ि, बखानत पाट पटम्बरु रे॥
संपति है वन संपति ढेरु, कहो कोउ लेइ गयो वपुरे।
धरनी नर-देह कहाफल जो, नहि जानु अलाह अकब्बरु रे॥11॥