भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"सोहिल विवाह / रसलीन" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रसलीन |अनुवादक= |संग्रह=फुटकल कवि...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

00:15, 23 जुलाई 2016 के समय का अवतरण

गनपति आराधि आदि उत्तम सगुन साधि सुभ घरी धरी लगन।
गावत गुनीन गायन मोहत नर नारायन इंद्रादिक सुन सुन होत मगन॥
जर कसे जोर तोरे कंचन घारे देत जाके जोन जटित नगन।
मुहम्मद मुहसिन नंद बख्त बलंद बनाँ नूरुल हसन जीउ जोलै दुहू गगन॥87॥