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1.
ऐसो रे लला मेरो खेलत सुहावै।
पैयन तें दुख दलिद्दर ठेलि सुख संपति गरे सों पिलावै॥91॥
2.
यह लछमन घर आये।
रहस रहस सब मिलि गावौ आनंद बढ़ाये॥92॥