भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"जिजीविषा / शिवनारायण / अमरेन्द्र" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शिवनारायण |अनुवादक=अमरेन्द्र |सं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

02:32, 27 सितम्बर 2016 के समय का अवतरण

टापेटुप अन्हरिया केॅ चीरतेॅ
दीया रोॅ बाती
हमरोॅ कोठरी में टिमटिमावै छै
आरोॅ
हमरोॅ असकरोॅ मोॅन
जब्बड़ खींचतान के बीच
जीवनेच्छा रोॅ छोर खोजी रहलोॅ छै।

अथाह दुखोॅ के बीचोॅ
हम्में जीयै लेॅ चाहै छी
कैंन्हें कि तड़तड़िया दुखोॅ सें लडै़वाला
दबलोॅ-कुचलोॅ लोगों लेॅ
हम्में अपना आप केॅ
असकल्लोॅ प्रतिनिधि होय के
ऐलान करतेॅ रहौं।

ताकि
मिसाइलवाला देशोॅ के सीना पर
आपनोॅ सुराहा संघर्षों के
टाँक लगावेॅ सकौं।

अन्हरिया केॅ चीरतें
अभियो टिमटिमाय रहलोॅ छै
कि एकटा नान्होॅ दुनियां
हमरोॅ भीतर
चहचहावेॅ लागलोॅ छै।