भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"अतीत / शिवनारायण / अमरेन्द्र" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शिवनारायण |अनुवादक=अमरेन्द्र |सं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
02:41, 27 सितम्बर 2016 के समय का अवतरण
नारियल गाछी सें झाँकतें
सुरुज के रोशनी सें
लबालब दर्जनो आँख
एक्के बारगी छलछलाय पड़ै छै
जेना
टीशन सें सरकतें
रेल के खिड़की सें
एक्के साथ
कत्तेॅ-कत्तेॅ जोड़ी हाथ।
सूरज
ठीक ऊपर
चढ़ी चुकलोॅ छै
आरो
कन्याकुमारी सें मुम्बई भागतें
ई ‘जयन्ती जनता’
चिकन्नुर केॅ
बड्डी पीछू छोड़ी चुकलोॅ छै।