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नाटक है यह
नाटक है यह
उतर रहा है
पानी में सूरज
बुझने को
एक नकली दृश्य में
एक असली निराशा
टंगी रह गयी
बरसों से
अकेली साँझ के नभ में
दर्ज हो अभिनय
के बाद
थका चेहरा तारिका का