भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"वर्ण गौर कर्पूर-सदृश / हनुमानप्रसाद पोद्दार" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हनुमानप्रसाद पोद्दार |अनुवादक= |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

20:57, 29 अक्टूबर 2016 के समय का अवतरण

(राग गुनकली-ताल मूल)

वर्ण गौर कर्पूर-सदृश आभामय मनहर।
 अहिभूषण सब अन्ग सुसोभित कटि बाघबर॥
 अक्षमाल-डमरू-त्रिशूल-खट्‌‌वान्ग-मुण्ड कर।
 राजत भाल त्रिपुण्ड, अर्धशशि, जटाजूट वर॥
 सिंह-चर्म-‌आसन शुचि षोडशदल पंकजपर-।
 बैठे त्रिनयन, पञ्चवदन शंकर परमेश्वर॥