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(राग भैरवी-ताल कहरवा)

जय दुर्गे दुर्गतिनाशिनि जय।
 जय मा कालविनाशिनि जय जय॥
 जयति शैल पुत्री मा जय जय।
 ब्रह्माचारिणी माता जय जय॥
 जयति चन्द्रघण्टा मा जय जय।
 जय कूञ्ष्माण्डा, स्कन्दजननि जय॥
 जय मा कात्यायिनी जयति जय।
 जयति कालरात्री मा जय जय॥
 जयति महागौरी देवी जय।
 जयति सिद्धदात्री मा जय जय॥
 जय काली, जय तारा जय जय।
 जय जगजननि षोडशी जय जय॥
 जय भुवनेश्वरि माता जय जय।
 जयति छिन्नमस्ता मा जय जय॥
 जयति भैरवी देवी जय जय।
 जय जय धूमावती जयति जय॥
 जय बगला मातंगी जय जय।
 जयति जयति मा कमला जय जय॥
 जयति महाकाली मा जय जय।
 जयति महालक्ष्मी मा जय जय॥
 जय मा महासरस्वति जय जय।
 उमा, रमा ब्रह्मात्तणी जय जय॥
 कौबेरी, वारुणी जयति जय।
 जय कच्छपी, नारसिंही जय॥
 जय मत्स्या, कौमारी जय जय।
 जय वैष्णवी वासवी जय जय॥
 जय माधव-मनवासिनि जय जय।
 कीर्ति, अकीर्ति, क्षमा, करुणा जय॥
 छाया, माया, तुष्टि, पुष्टि जय।
 जयति कान्ति, जय भ्रान्ति, क्षान्ति जय॥
 जयति बुद्धि, धृति-वृाि जयति जय।
 जयति क्षुधा, तृष्णा, विद्या जय॥
 जय निद्रा, तन्द्रा, अशान्ति जय।
 जय लज्जा, सज्जा, श्रुति जय जय॥
 जय स्मृति, परा-साधना जय जय।
 जय श्रद्धा, मेधा, माला जय॥
 जय श्री, भूमि, दया, मोदा जय।
 मज्जा, वसा, त्वचा, नाडी जय॥
इच्छा, शक्ति, अशक्ति, शान्ति, जय।
 परा, वैखरी, पश्यन्ती जय॥
 मध्या, सत्यासत्या जय जय।
 वाणी मधुरा परुषा जय जय॥
 अष्टस्न्भुजा, दशभुजा जयति जय।
 अष्टस्नदश शुभ भुजा जयति जय॥
 दुष्टस्न्दलनि बहुभुजा जयति जय।
 चतुर्मुखा बहुमुखा जयति जय॥
 जय दशव?त्रा, दशपादा जय।
 जय त्रिंशल्लोचना जयति जय॥
 द्विभुजा चतुर्भुजा मा जय जय।
 जय कदबमाला, चन्द्रा जय॥
 जय प्रद्युम्रजननि देवी जय।
 जय श्रीरार्णवसुते जयति जय॥
 दारिद्र्‌यार्णव-शोषिणि जय जय।
 सपति-वैभव-पोषिणि जय जय॥
 दयामयी सुतहितकारिणि जय।
 पद्मावती, मालती जय जय॥
 भीष्मकराजसुता, धनदा जय।
 विरजा, रजा, सुशीला जय जय॥
 सकल सपदारूपा जय जय।
 सदाप्रसन्ना, शान्तिमयी जय॥
 श्रीपतिप्रिये, पद्मलोचनि जय।
 हरिहियराजिनि, कान्तिमयी जय॥
 जयति गिरिसुता, हैमवती जय।
 परमेशानि महेशानी जय॥
 जय शंकर-मनमोदिनि जय जय।
 जय हरचिाविनोदिनि जय जय॥
 दक्ष-यज्ञ-नाशिनि, नित्या जय।
 दक्षसुता, शुचि सती जयति जय॥
 पर्णा, नित्य अपर्णा जय जय।
 पार्वती, परमोदारा जय॥
 भव-भामिनि जय भाविनि जय जय।
 भवमोचनी, भवानी जय जय॥
 जय श्वेताक्षसूत्रहस्ता जय।
 वीणा-वादिनि; सुधा-स्रवा जय॥
 शदब्रह्मास्वरूपिणि जय जय।
 श्वेतपुष्पशोभिता जयति जय॥
 श्वेताबरधारिणि, शुभ्रा जय।
 जय कैञ्केञ्यी, सुमित्रा जय जय॥
 जय कौसल्या रामजननि जय।
 जयति देवकी कृष्णजननि जय॥
 जयति यशोदा नन्दगृहिणि जय।
 अवनिसुता अघहारिणि जय जय॥
 अग्रिपरीक्षोत्तीर्णा जय जय।
 रामविरह-‌अति-शीर्णा जय जय॥
 रामभद्रप्रियभामिनि जय जय।
 केवल पतिहित-सुखकामिनि जय॥
 जनकराजनन्दिनी जयति जय।
 मिथिला-‌अवधानन्दिनि जय जय॥
 संसारार्णवतारिणि जय जय।
 त्यागमयी जगतारिणि जय जय॥
रावणकुलविध्वंस-रता जय।
 सतीशिरोमणि पतिव्रता जय॥
 लव-कुश-जननि महाभागिनि जय।
 राघवेन्द्रपद-‌अनुरागिनि जय॥
 जयति रुक्मिणीदेवी जय जय।
 जयति मित्रवृन्दा, भद्रा जय॥
 जयति सत्यभामा, सत्या जय।
 जाबवती, कालिन्दी जय जय॥
 नाग्रजिती, लक्ष्मणा जयति जय।
 अखिल विश्ववासिनि, विश्वा जय॥
 अघ-गंजनि, भव-भंजिनि जय जय।
 अजरा, जरा, स्पृहा, वाञ्छा जय॥
 अजरामरा महासुखदा जय।
 अजिता, जिता, जयन्ती जय जय॥
 अतितन्द्रा, घोरा तन्द्रा जय।
 अतिभयंकरा, मनोहरा जय॥
 अतिसुन्दरी घोररूपा जय।
 अतुलनीय सौन्दर्या जय जय॥
 अतुलपराक्रमशालिनि जय जय।
 अदिती, दिती, किरातिनि जय जय॥
 अन्ता, नित्य अनन्ता जय जय।
 अबला, बला, अमूल्या जय जय॥
 अभयवरद-मुद्रा-धारिणि जय।
 अयन्तरा, बहिःस्था जय जय॥
 अमला, जयति अनुपमा जय जय।
 अमित विक्रमा अपरा जय जय॥
अमृता, अतिशांकरी जयति जय।
 आकर्षिणि आवेशिनि जय जय॥
 आदिस्वरूपा, अभया जय जय।
 आन्वीक्षिकी, त्रयीवार्ता जय॥
 इन्द्र-‌अग्रि-सुर-धारिणि जय जय।
 ईज्या, पूज्या, पूजा जय जय॥
 उग्रकान्ति, दीप्ताभा जय जय।
 उग्रा, उग्रप्रभावति जय जय॥
 उन्मात्त, अतिज्ञानमयी जय।
 ऋञ्द्धि, वृद्धि जय, विमला जय जय॥
 एका, नित्य सर्वरूपा जय।
 ओज-तेजपुञ्जा, तीक्ष्णा जय॥
 ओजस्विनी, मनस्विनी, जय जय।
 कदली, केलिप्रिया, क्रञ्‌ीडा जय॥
 कलमञ्जीर-रञ्जिनी जय जय।
 कल्याणी कल्याणमयी जय॥
 कव्यरूपिणी, कुलिशान्गी जय।
 कव्यस्था कव्यहा जयति जय॥
 केशवनुता, केतकी जय जय।
 कस्तूरी-तिलका, कुञ्मुदा जय॥
 कस्तूरी-रसलिप्ता जय जय।
 कामचारिणी, कीर्तिमती जय॥
 कामधेनु-नन्दिनि आर्या जय।
 कामाख्या, कुलकामिनि जय जय॥
 कामेश्वरी, कामरूपा जय।
 कालदायिनी कलसंस्था जय॥
 काली, भद्रकालिका जय जय।
 कुलध्येया, कौलिनी जयति जय॥
 कूटस्था, व्याकृतरूपा जय।
 क्रूञ्रा, शूरा, शर्वा जय जय॥
 कृपा, कृपामयि, कमनीया जय।
 कैञ्शोरी, कुलवती जयति जय॥
 क्षमा, शान्ति-संयुक्त जय जय।
 खर्परधारिणि, दिगबरा जय॥
 गदिनि, शूलिनी, अरिनाशिनि जय।
 गन्धेश्वरी, गोपिका जय जय॥
 गीता, त्रिपथा, सीमा जय जय।
 गुणरहिता, निजगुणान्विता जय॥
 घोरतमा, तमहारिणि जय जय।
 चञ्चलाक्षिणी, परमा जय जय॥
 चक्रञ्रूपिणी, चक्रञ जय जय।
 चटुला, चारुहासिनी जय जय॥
 चण्ड-मुण्ड-नाशिनि मा जय जय।
 चण्डी जय प्रचण्डिका जय जय॥
 चतुर्वर्गदायिनि मा जय जय।
 चन्द्रबाहुका, चन्द्रवती जय॥
 चन्द्ररूपिणी, चर्वा जय जय।
 चन्द्रा, चारुवेणि, चतुरा जय॥
 चन्द्रानना, चन्द्रकान्ता जय।
 चपला, चला, चञ्चला जय जय॥
 चराचरेश्वरि, चरमा जय जय।
 चिात्त, चिति, चिन्मयि, चित्रा जय॥
 चिद्‌‌रूपा, चिरप्रज्ञा जय जय।
 जगदबा जय, शक्तिञ्मयी जय॥
 जगद्धिता, जगपूज्या जय जय।
 जगन्मयी, जितक्रञेधा जय जय॥
 जगविस्तारिणि, पञ्चप्रकृञ्ति जय।
 जय झिंझिका, डामरी जय जय॥
 जन-जन क?ेशनिवारिणि जय जय।
 जन-मन-रञ्जिनि जयति जना जय॥
 जयरूपा, जगपालिनि जय जय।
 जयंकरी, जयदा, जाया जय॥
 जय अखिलेश्वरि, आनन्दा जय।
 जय अणिमा, गरिमा, लघिमा जय॥
 जय उत्पला, उत्पलाक्षी जय।
 जय जय एकाक्षरा जयति जय॥
 जय ऐंकारी, ॐकारी जय।
 जय ऋञ्तुमती, कुञ्ण्डनिलया जय॥
 जय कमनीय गुणाकक्षा जय।
 जय कल्याणी, काया जय जय॥
 जय कुमारि, सधवा, विधवा जय।
 जय कूटस्था, पराऽपरा जय॥
 जय कौशिकी, अिबका जय जय।
 जय खट्‌‌वान्गधारिणी जय जय॥
 जय गर्वापहारिणी जय जय।
 जय गायत्री, सावित्री जय॥
 जय गीर्वाणी, गौराङङ्गी जय।
 जय गुह्यस्नतिगुह्य-गोप्त्‌री जय॥
 जय गोदा, कुलतारिणि जय जय।
 जय गोपालसुन्दरी जय जय॥
 जय गोलोक-सुरभि, सुरमयि जय।
 जय चपकवर्णा, चतुरा जय॥
 जय चातका, चन्द्र-चूड़ा जय।
 जय चेतना, अचेतनता जय॥
 जय जय विन्ध्यनिवासिनि जय जय।
 जय ज्येष्ठस्न, ोष्ठस्न, प्रेष्ठस्न जय॥
 जय ज्वाला, जागृती जयति जय।
 जय डाकिनि, शाकिनि, शोषिणि जय॥
 जय तामसी, आसुरी जय जय।
 जयति अनन्गा, औषधि जय जय॥
 जयति असिद्धसाधिनी जय जय।
 जयति इडा, पिंगला जयति जय॥
 जयति सुषुणा गान्धारी जय।
 जयति उग्रतारा, तारिणि जय॥
 जयति एकवीरा, एका जय।
 जयति कपालिनि, करालिनी जय॥
 जयति कामरहिता, कामिनि जय।
 जय तुरीयपद-गामिनि जय जय॥
 जयति ज्ञानबल-क्रिञ्याशक्ति जय।
 जयति तप्तकाञ्चनवर्णा जय॥
 जयति दिव्य आभरणा जय जय।
 जयति दुर्गतोद्धारिणि जय जय॥
 जयति दुर्गमालोका जय जय।
 जयति नन्दजा, नन्दा जय जय॥
 जयति पाटलावती, प्रिया जय।
 जयति भ्रामरी, भ्रमरी जय जय॥
 जयति माधवी, मन्दा जय जय।
 जयति मृगावति, महोत्पला जय॥
 जयति विश्वकामा, विपुला जय।
 जयति बृत्रनाशिनि, वरदे जय॥
 जयति व्याप्ति अव्याप्ति आप्ति जय।
 जयति शाभवी, जयति शिवा जय॥
 जयति सर्गरहिता, सुमना जय।
 जयति हेमवर्णा, स्फटिका जय॥
 जय दुरत्यया, दुर्गमगा जय।
 दुर्गम आत्मस्वरूपिणि जय जय॥
 जय दुर्गमिती, दुर्गमता जय।
 जय दुर्गापद्विनिवारिणि जय॥
 जय धारणा, धारिणी जय जय।
 जय धीश्वरी, वेदगर्भा जय॥
 जय नन्दिता, वन्दिता जय जय।
 जय निर्गुणा, निरञ्जिनि जय जय॥
 जय प्रत्यक्षा जय गुप्ता जय।
 जय प्रवाल शोभा, फलिनी जय॥
 जय पातालवासिनी जय जय।
 जय प्रीता, प्रियवादिनि जय जय॥
 जय बहुला, विपुला, विषया जय।
 जय वायसी बिराली जय जय॥
 जय भीषण-भयवारिणि जय जय।
 जय भुजंग-‌उरभाविनि जय जय॥
 जय मोदिनि, मधुमालिनि जय जय।
 जय भुजंग-वरशालिनि जय जय॥
 जय भेरूञ्ण्डा, भिषबरा जय।
 जय मणिद्वीपनिवासिनि जय जय॥
 जय मधुमयि, मुकुञ्न्दमोहिनि जय।
 जय मधुरता मेदिनी जय जय॥
 जय मन्मथा, महाभागा जय।
 जयति महामारी, महिमा जय॥
 जय माण्डवी महादेवी जय।
 जय मृगनयनि, मञ्जुला जय जय॥
 जय योगिनी, योगसिद्धा जय।
 जय राक्षसी, दानवी जय जय॥
 जय वत्सला, बालपोषिणि जय।
 जय विश्वार्तिहारिणी जय जय॥
 जय विश्वेश-वन्दनीया जय।
 जयति शताक्षी, शाकभरि जय॥
 जय शुभचण्डी, शिवचण्डी जय।
 जय शोभना लोकपावनि जय॥
 जय षष्टी, मंगलचण्डी जय।
 जय संगीतकला-कुशला जय॥
 जय संध्या, अघनाशिनि जय जय।
 जय सच्चिदानन्दरूपा जय॥
 जय सर्वान्गसुन्दरी जय जय।
 जय सिंहिका, सत्यवादिनि जय॥
 जय सौभाग्यशालिनी जय जय।
 जय श्रींकारी, ह्रींकारी जय॥
 जय हरप्रिया, हिमसुता जय जय।
 जय हरिभक्तिञ्प्रदायिनि जय जय॥
 जय हरिप्रिया, जयति तुलसी जय।
 जय हिरण्यवर्णा, हरिणी जय॥
 जय कक्षा क?ञ्‌ींकारी जय जय।
 जरावर्जिता, जरा, जयति जय॥
 जितेन्द्रिया इन्द्रियरूपा जय।
 जिह्वा, कुटिला, जिभनि जय जय॥
 ज्योत्स्ना, ज्योति, जया, विजया जय।
 ज्वलनि, ज्वालिनी, ज्वालाङ्गी जय॥
 ज्वालामालिनि, धामनि जय जय।
 ज्ञानानन्द-भैरवी जय जय॥
 तपनि, तापनी, महारात्रि जय।
 ताटङ्कनी तुषारा जय जय॥
 तीव्रा, तीव्रवेगिनी जय जय।
 त्रिगुणमयी, त्रिगुणातीता जय॥
 त्रिपुरसुन्दरी, ललिता जय जय।
 दण्डनीति जय, समरनीति जय॥
 दानवदलनि, दुष्टस्न्मर्दिनि जय।
 दिव्य वसनभूषणधारिणि जय॥
 दीनवत्सला दुखहारिणि जय।
 दीना, हीनदरिद्रा जय जय॥
 दुराशया दुर्जया जयति जय।
 दुर्गति, सुगति, सुरेश्वरि जय जय॥
 दुर्गम-ध्यान-भासिनी जय जय।
 दुर्गमेश्वरी, दुर्गमाङिङ्ग जय॥
 दुर्लभ मोक्षप्रदात्री जय जय।
 दुर्लभ सिद्धिदायिनी जय जय॥
 देवदेव-हरि-मनभावनि जय।
 देवमयी, देवेशी जय जय॥
 देवयानि, दमयन्ती जय जय।
 देवहूति, द्रौपदी जयति जय॥
 धनजन्मा, धनदात्रि जयति जय।
 धनमयि, द्रविणा, द्रवा जयति जय॥
 धर्ममूर्ति जय ज्योतिमूर्ति जय।
 धर्म-साधु-दुख-भीति-हरा जय॥
 धूम्राक्षी, क्षीणा, पीना जय।
 नवनीरदघनश्यामा जय जय॥
 नवरत्नाढ्या, निरवद्या जय।
 नव-षट्‌‌रस-‌आधारा जय जय॥
 नाना-‌ऋञ्तुमयि, ऋञ्तुजननी जय।
 नानाभोगविलासिनि जय जय॥
 नारायणी, दिव्यनारी जय।
 नित्यकिशोरवयस्का जय जय॥
 निर्गन्धा, बहुगन्धा जय जय।
 अगुणा, सर्वगुणाधारा जय॥
 निर्दोषा, सबदोषयुता जय।
 निर्वर्णा, अनेकवर्णा जय॥
 निर्बीजा जय बीजकरी जय।
 निष्कल-बिन्दु-नादरहिता जय॥
 नीलाघना, सुकुञ्ल्या जय जय।
 नीलाञ्जना, प्रभामयि जय जय॥
 नीलाबरा नीलकमला जय।
 नृत्य-वाद्यरसिका, भूमा जय॥
 पञ्चशिखा, पञ्चाङङ्गी जय जय।
 पद्मप्रिया पद्मस्था जय जय॥
 पयस्विनी, पृथुजंघा जय जय।
 परंज्योति, पर-प्रीति नित्य जय॥
 परम तपस्विनि, प्रमिला जय जय।
 परमाह्लादकारिणी जय जय॥
 परमेश्वरी, पाडला जय जय।
 पर श्रृंगारवती शोभा जय॥
 पल्लवोदरी, प्रणवा जय जय।
 प्राणवाहिनी अलबुषा जय॥
 पालिनि, जगसंवाहिनि जय जय।
 पिन्गलेश्वरी, प्रमदा जय जय॥
 प्रियभाषिणी, पुरन्ध्रा जय जय।
 पीताबरा, पीतकमला जय॥
 पुण्यप्रजा पुण्यदात्री जय।
 पुण्यालया सुपुण्या जय जय॥
 पुरवासिनी, पुष्कला जय जय।
 पुष्पगन्धिनी पूषा जय जय॥
 पुष्पभूषणा, पुष्पप्रिया जय।
 प्रेमसुगया, विश्वजिता जय॥
 प्रौढ़ा अप्रौढ़ा, कन्या जय।
 बला, बलाका, बेला जय जय॥
 बालाकिनी, बिलाहारा जय।
 बाला, तरुणि, वृद्धमाता जय॥
 बुद्धिमयी, अति सरला जय जय।
 ब्रह्माकला, विन्ध्येश्वरि जय जय॥
 ब्रह्मास्वरूपा, विद्या जय जय।
 ब्रह्मात्तभेदस्वरूपिणि जय जय॥
 भक्त-हृदय-तम-घन-हारिणि जय।
 भक्तत्मा, भुवनानन्दा जय॥
 भक्तनन्दकरी, वीरा जय।
 भगात्मिका, भगमालिनि जय जय॥
 भगरूपका भूतधात्री जय।
 भगनीया, भवनस्था जय जय॥
 भद्रकर्णिका, भद्रा जय जय।
 भयप्रदा, भयहारिणि जय जय॥
 भवक?ेशनाशिनि, धीरा जय।
 भवभयहारिणि, सुखकारिणि जय॥
 भवमोचनी, भवानी जय जय।
 भव्या, भाव्या, भविता जय जय॥
 भस्मावृता, भाविता जय जय।
 भाग्यवती, भूतेशी जय जय॥
 भानुभाषिणी, मधुजिह्वा जय।
 भास्करकोटि, किरणमुक्त जय॥
 भीतिहरा, जय, भयंकरी जय।
 भीषणशदोच्चारिणि जय जय॥
 भूति, विभूति, विभवरूपिणि जय।
 भूरिदक्षिणा, भाषा जय जय॥
 भोगमयी, अति त्यागमयी जय।
 भोगशक्ति जय, भोक्तञ्‌ृशक्ति जय॥
 मात्तनना, मादिनी जय जय।
 मदनोन्मादिनि संशोषिणि जय॥
 मदोत्कटा मुकुञ्टेश्वरि जय जय।
 मधुपा, मात्रा, मित्रा जय जय॥
 मधुमालिनि, बलशालिनि जय जय।
 मधुरभाषिणी, घोररवा जय॥
 मधुर-रसमयी, मुद्रा जय जय।
 मनरूपा जय, मनोरमा जय॥
 मनहर-मधुर-निनादिनि जय जय।
 मन्दस्मिता, अट्टहासिनि जय॥
 महासिद्धि जय, सत्यवाक जय।
 महिषासुरमर्दिनि मा जय जय॥
 मुग्धा, मधुरालापिनि जय जय।
 मुण्डमालिनी, चामुण्डा जय॥
 मूलप्रकृञ्ति, अनादि जयति जय।
 मूलाधारा, प्रकृञ्तिमयी जय॥
 मृदु-‌अङङ्गी, वज्राङङ्गी जय जय।
 मृदुमञ्जीरपदा रुचिरा जय॥
 मृदुला, महामानवी जय जय।
 मेघमालिनी, मैथिलि जय जय॥
 युद्धनिवारिणि, निःशस्त्रा जय।
 योगक्षेमसुवाहिनि जय जय॥
 योगशक्ति जय, भोगशक्ति जय।
 रक्तञ्बीजनाशिनि मा जय जय॥
 रक्तबरा, रक्तञ्दन्ता जय।
 रक्तबुजासना, रक्त जय॥
 रक्तशना, रक्तवर्णा जय।
 रजनी, अमा, पूर्णिमा जय जय॥
 रतिप्रिया, रतिकरी, रीति जय।
 रत्नवती, नरमुण्डप्रिया जय॥
 रमाप्रकटकारिणि, राधा जय।
 रमास्वरूपिणि रमाप्रिया जय॥
 रतनोल्लसतकुञ्ण्डला जय जय।
 रुद्रचन्द्रिका, घोरचण्डि जय॥
 रुद्रसुन्दरी रतिप्रिया जय।
 रुद्राणी, रभा, रमणा जय॥
 रौद्रमुखी, विधुमुखी जयति जय।
 लक्ष्यालक्ष्यस्वरूपा जय जय॥
 ललिताबा, लीला, लतिका जय।
 लीलावती, प्रेमललिता जय॥
 विकटाक्षा, कपाटिका जय जय।
 विकटानना, सुधाननि जय जय॥
 विद्यापरा, महावाणी जय।
 विद्युल्लता, कनकलतिका जय॥
 विध्वंसिनि, जगपालिनि जय जय।
 विन्दु-नादरूपिणी, कला जय॥
 विन्दुमालिनी, पराशक्ति जय।
 विमला, उत्कर्षिणि, वामा जय॥
 विमुखा, सुमुखा, कुञ्मुखा जय जय।
 विश्वमूर्ति विश्वेश्वरि जय जय॥
 विश्व-प्राज्ञ-तैजसरूपा जय।
 विश्वेश्वरी, विश्वजननी जय॥
 विष्णुस्वरूपा, वसुन्धरा जय।
 वेदमूर्ति जय, ज्ञानमूर्ति जय॥
 शङ्खिन, चक्रिञ्णि, वजि्रणि जय जय।
 शबल-ब्रह्मारूपिणि, अमरा जय॥
 शदमयी, शदातीता जय।
 शर्वाणी, व्रजरानी जय जय॥
 शशिशेखरा, शशाङङ्कमुखी जय।
 शस्त्रधारिणी, रणाङिङ्गणी जय॥
 शालग्रामप्रिया शान्ता जय।
 शास्त्रमयी, सर्वास्त्रमयी जय॥
 शुभ-निशुभ-विघातिनि जय जय।
 शुद्धसवरूपा माता जय॥
 शोभावती, शुभाचारा जय।
 षट्‌‌चक्रञ, कुञ्ण्डलिनी जय जय॥
 संवित, चिति, नित्यानन्दा जय।
 सकल-कलुष-कलिकालहरा जय॥
 सत्‌‌-चित्‌‌-सुख-स्वरूपिणी जय जय।
 सत्यवादिनी, सन्मार्गा जय॥
 सत्या, सत्याधारा जय जय।
 सात्त, सत्यानन्दमयी जय॥
 सर्गस्थिता सर्गरूपा जय।
 सर्वज्ञा, सर्वातीता जय॥
 सर्वतापहारिणि जय मा जय।
 सर्वमन्गला, मनसा जय जय॥
 सर्वबीजस्वरूपिणि जय जय।
 सर्वसुमंगलरूपिणि जय जय॥
 सर्वासुरनाशिनि, सत्या जय।
 सर्वाह्लादनकारिणि जय जय॥
 सर्वेश्वरी, सर्वजननी जय।
 सर्वैश्वर्यप्रिया, शरभा जय॥
 सामनीति जय, दामनीति जय।
 सायावस्थात्मिका जयति जय॥
 हंसवाहिनी, ह्रींरूपा जय।
 हस्तिजिह्विका, प्राणवहा जय॥
 हिंसा-क्रञेधवर्जिता जय जय।
 अति-विशुद्ध-‌अनुरागमना जय॥
 कल्पद्रुमा, कुञ्रन्गाक्षी जय।
 कारुण्यामृत-‌अबुधि जय जय॥
 कुञ्ञ्जविहारिणि देवी जय जय।
 कुञ्न्दकुञ्सुमदन्ता गोपी जय॥
 कृञ्ष्ण‌उरस्थलवासिनि जय जय।
 कृष्ण-जीवनाधारा जय जय॥
 कृष्णप्रिया, कृष्णकान्ता जय।
 कृष्णप्रेमकलङिङ्कनि जय जय॥
 कृष्णप्रेमतरंगिणि जय जय।
 कृष्णप्रेमप्रदायिनि जय जय॥
 कृष्णप्रेमरूपिणि मात्त जय।
 कृष्णप्रेमसागर-सफरी जय॥
 कृष्णवन्दिता, कृष्णमयी जय।
 कृष्णवक्षनितशायिनि जय जय॥
 कृष्णानन्दप्रकाशिनि जय जय।
 कृष्णाराध्या, कृष्णमुखी जय॥
 कृष्णह्लादिनि, कृष्णप्रिया जय।
 कृष्णोन्मादिनि देवी जय जय॥
 गुणसागरी, नागरी जय जय।
 गोपी-‌उन्मादिनि मादिनि जय॥
 गोपीकायव्यूहरूपा जय।
 जय आह्लादिनि, संधिनि जय जय॥
 जय कलिकलुषविनाशिनि जय जय।
 जय कीर्तिदा-भानुनन्दिनि जय॥
 जय गोकुञ्लानन्ददायिनि जय।
 जय गोपालवल्लभा जय जय॥
 जय चन्द्रावलि, ललिनी जय जय।
 जयति कामरहिता, रामा जय॥
 जयति विशाखा, शीला जय जय।
 जयति श्याम-मोहिनि, श्यामा जय॥
 जय ललिता, नलिनाक्षी जय जय।
 जय रससुधा, सुशीला जय जय॥
 जय कृष्णान्गरता देवी जय।
 दिव्यरूपसपन्ना जय जय॥
 दुर्लभ महाभावरूपा जय।
 नागर, मनोमोहिनी जय जय॥
 नित्य कृष्णसंजीवनि जय जय।
 नित्य निकुञ्ञ्जेश्वरि, पूर्णा जय॥
 प्रणय-राग-‌अनुरागमयी जय।
 फुल्लपंकजानना जयति जय॥
 प्रियवियोग-मनभग्रा जय जय।
 श्यामसुधारसमग्रा जय जय॥
 भुक्ति-मुक्ति-भ्रम-भङिङ्गनि जय जय।
 भुक्ति-मुक्ति-सपादिनि जय जय॥
 भुजमृणालिका, शुभा जयति जय।
 मदनमोहिनी, मुख्या जय जय॥
 मन्मथ-मन्मथ-मनमोहनि जय।
 जय मुकुञ्न्द-मधुमाधुर्या जय॥
 मुकुञ्ररञ्जिनी मानिनि जय जय।
 मुखरा, मौना, मानवती जय॥
 जय रङिङ्गणि, रसवृन्दा जय जय।
 रसदायिनी, रसमयी जय जय॥
 रसमञ्जरी, रसज्ञा जय जय।
 रासमण्डलाध्यक्षा जय जय॥
 रासरसोन्मादी, रसिका जय।
 रासविलासिनि, रासेश्वरि जय॥
 रासोल्लासप्रमात्त जय जय।
 लावण्यामृत-रसनिधि जय जय॥
 लीलामयि, लीलारङङ्गी जय।
 लोलाक्षी, ललिताङङ्गी जय जय॥
 वंशीवाद्यप्रिया देवी जय।
 विश्वविमोहिनि, मुनिमोहनि जय॥
 व्रजरस-भाव-राज्य-भूपा जय।
 व्रजलक्ष्मी-वल्लवी जयति जय॥
 व्रजेन्दिरा, विद्युद्‌‌-गौरी जय।
 श्रीव्रजेन्द्रसुत-प्रिया जयति जय॥
 श्यामप्रीतिसंलग्रा जय जय।
 श्यामामृत-रसमग्रा जय जय॥
 हरि-‌उल्लासिनि, हरि-स्मृतिमयि जय।
 हरि-हिय-हारिणि, हरि-रतिमयि जय॥
 गंगा, यमुना, सरस्वती जय।
 कृष्णा, सरयु, देविका जय जय॥
 अलकनन्दिनी, अमला जय जय।
 जय कौशिकी, चन्द्रभागा जय॥
 जय गण्डकी, तापिनी जय जय।
 जयति गोमती, गोदावरि जय॥
 जयति वितस्ता, साभ्रमती जय।
 जयति विपाशा, तोया जय जय॥
 जय शतद्रु, कावेरी जय जय।
 वेत्रवती, नर्मदा जयति जय॥
 स्नेहमयी सौया मैया जय।
 जय जननी जय जयति-जयति जय॥