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"तुम लिखोगे क्या / विनोद श्रीवास्तव" के अवतरणों में अंतर
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20:00, 4 जनवरी 2017 के समय का अवतरण
तुम लिखोगे क्या 
हमें मालूम है 
तुम दिखोगे क्या 
हमें मालूम है 
शान पर 
चढ़ती हुई तनहाइयाँ
आँख में 
धंसती हुई परछाइयाँ
तुम सहोगे क्या 
हमें मालूम है 
टूटकर 
गिरती हुई दीवार-सा 
आदमी हर आदमी 
बीमार-सा 
तुम कहोगे क्या 
हमें मालूम है 
धूप की मानिंद 
कुछ लिख दीजिए
आप तो दिनमान हैं 
कुछ कीजिए
तुम रचोगे क्या 
हमें मालूम है
	
	