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21:26, 7 जनवरी 2017 के समय का अवतरण
अम्बर बहराईची
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जन्म | |
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जन्म स्थान | |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
अम्बर बहराईची / परिचय |
ग़ज़लें
- अब क़बीले की रिवायत है बिखरने वाली / अम्बर बहराईची
- चेहरों पे ज़र-पोश अंधेरे फैले हैं / अम्बर बहराईची
- गर्दिश का इक लम्हा यूँ बेबाक हुआ / अम्बर बहराईची
- जगमगाती रौशनी के पार क्या था देखते / अम्बर बहराईची
- जलते हुए जंगल से गुज़रना था हमें भी / अम्बर बहराईची
- क्यूँ न हों शाद कि हम राहगुज़र में हैं अभी / अम्बर बहराईची
- शब ख़्वाब के ज़जीरों में हँस कर गुज़र गई / अम्बर बहराईची
- वो लम्हा मुझ को शश्दर कर गया था / अम्बर बहराईची
- पलाशों के सभी पल्लू हवा में उड़ रहे होंगे / अम्बर बहराईची
- सात रंगों की धनक यों भी सजा कर देखना / अम्बर बहराईची
- फिर उस घाट से ख़ुश्बू ने बुलावे भेजे / अम्बर बहराईची