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"ॾुहाॻु / मुकेश तिलोकाणी" के अवतरणों में अंतर

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तोखे रन चवां त बहितर!
पर, तुंहिंजे मस्तक ते
ॻाढ़ो टिकलो
तन ते, रेशमी वॻो,
पेरनि में पायल,
चपनि ते लाली,
अख्यिुनि में काजल,
वर जी निशानी,
मंगल सूतर,
ज़िबान ते टहिकिड़ो
जीअण जो ॾांव,
सिर्फ़ तो वटि।
दुनिया जे दौर में
खुदा जी रहिमत।
सिर्फ, नसीब में ॾुहाॻु
मढ़ियलु तो मथां।