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हूअ!
ॻाल्हियुनि जी ॻोठु
झेड़े जी पाड़
अण मिट जी माइटि
ग़रीब जो सहारो
मालिक जी महबूबा।
हूअ।
पाड़े जी सूंहं
अंधे लाइ ओट
बीमार लाइ दवा
प्यासे लाइ पाणी
बुखिये लाइ मानी
हूअ नाहे धञाणी
हूअ नाहे वाञाणी
सभिनी जी ॼाञाणी।