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"इंतज़ारि / मुकेश तिलोकाणी" के अवतरणों में अंतर

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हू टोपियूं लाहींदो
उछिलींदो वञे
मां क़ीमती टोपियूं।
मेड़ियां हिक हिक करे।
फिल्हालु सांढियां पियो
साहु सां
गुॾु कयां पियो
अनमोल ख़ज़ानो
पाण वटि।
ॾिसां पाण
मुल्ह कथियां पाण।
वक़्तु ईंदो
वॾे निमाअ सां
कराईंदुसु
अव्हां खे दर्शन
मन प्रसन्न
फिल्हाल इंतज़ारु!