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"मेंढक राजा / रमेश तैलंग" के अवतरणों में अंतर
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टर-टर करते मेंढक राजा
को सूझी शैतानी,
फेंक दिया हाथी के ऊपर
एक दिन गंदा पानी।
हाथी ने फिर चकरी जैसा
उसको खूब नचाया,
चक्कर खाकर मेंढक बोला-
‘अरे, बचाओ भाया!’