भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"धीरे-से मुसकाती चिड़िया / प्रकाश मनु" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रकाश मनु |अनुवादक= |संग्रह=बच्च...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

14:43, 16 फ़रवरी 2017 के समय का अवतरण

मुझको तो अच्छी लगती है,
हरे लॉन पर गाती चिड़िया।

चहक-चहककर जब गाती है
पंख खोलकर उड़ जाती है,
तब लगता है आसमान को
धरती पर ले आती चिड़िया!

पता नहीं, यह कब सोती है
सारी रात कहाँ होती है,
बड़े सवेरे जग जाती है
मुझको रोज जगाती चिड़िया

जब मैं खूब प्यार से हँसता
इससे मन की बातें कहता,
मम्मी, मुझको तब लगता है,
धीरे-से मुसकाती चिड़िया!