भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"गुड़ियाघर / प्रकाश मनु" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रकाश मनु |अनुवादक= |संग्रह=बच्च...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

14:51, 16 फ़रवरी 2017 के समय का अवतरण

गुड़ियाघर, यह गुड़ियाघर,
लगता अम्माँ, कितना सुंदर!

यहाँ लगा है किस्म-किस्म के
रंगों का एक मेला,
कितनी मस्ती, चहल-पहल है
कोई नहीं अकेला।
गुड़िया गुड्डे देश-देश के
बुला रहे हैं भीतर!

यह जापानी गुड़िया हरदम
मुसकाती रहती है,
मगर फ्रांस से आई गुड़िया
गुस्से में लगती है।
इंगलिस्तानी गुड्डा इक
देख रहा है बिटर-बिटर!

कितना अच्छा चीनी बच्चा
चौड़ा हैट लगाए,
एक आदिवासी बालक है
तीर-कमान उठाए।
घास-फूस, तिनकों का देखो
बना हुआ है बढ़िया घर!