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"उत्सवपूर्ण समय / ब्रजेश कृष्ण" के अवतरणों में अंतर

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11:13, 17 फ़रवरी 2017 के समय का अवतरण

सब कुछ एक दृश्य भर है उनके लिए
और हमें मार देने के हर समय
जायज़ कारण हैं उनके पास

मन्दी की वजह से निकाला गया मजूर
महँगाई से जूझ रहा है
ये ऐसी उलटबांसी है कि जिसका जवाब
उनकी किताबों में पहले ही दर्ज़ है

यह तेज़ी से बढ़ते हुए देश का
उत्सवपूर्ण समय है
नाच गाने और हँसने की रंगभूमि
कि हमें पता ही नहीं लगता
और प्रहसन में तब्दील हो जाते हैं हमारे दारुण दुख

अरे! आप तो बेचैन हो गये
चलो पार्क में चलें
लम्बी साँसें लें
और मिल कर हँसें
हा हा हा।