भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"धम्मक धम्मक धम / श्रीप्रसाद" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=श्रीप्रसाद |अनुवादक= |संग्रह=मेरी...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
12:57, 20 फ़रवरी 2017 के समय का अवतरण
चल रे घोड़े, चल अलमोड़े
तुझ पर बैठे हम
धम्मक धम्मक धम
सौ लड्डू ले, बमबम बोले
खीर न देना कम
धम्मक धम्मक धम
कहते चाचा, दिखा तमाचा
करो नहीं ऊधम
धम्मक धम्मक धम
लेकर बिल्ली, जाता दिल्ली
चूहा चढ़ टमटम
धम्मक धम्मक धम
नाचे बंदर, घर के अंदर
ढोल बजा ढमढम
धम्मक धम्मक धम
उछल-उछलकर मेंढक टर-टर
कहता-बादल थम
धम्मक धम्मक धम
शेर गरजता, गधा न डरता
चरता घास नरम
धम्मक धम्मक धम।