भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"अम्माँ बाबे दी भलिआई / बुल्ले शाह" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=बुल्ले शाह |अनुवादक= |संग्रह=बुल्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
10:48, 6 मार्च 2017 के समय का अवतरण
अम्माँ बाबे दी भलेआई, ओह हुण कम्म असाड़े आई।
अम्माँ बाबा चोर दो राहाँ दे, पुत्तर दी वडेआई।
दाणे उत्तों गुत्त बिगुत्तीघ्ज्ञर घर पई लड़ाई।
असाँ कज्जीए तदाहींजाले, जहाँ कणक आहना टरघाई।
खाए खैराँ ते फाटीए जुम्माँ, लटी दस्तक लाई।
बुल्ला तोते मार बागाँ थीं कड्ढे, उल्लू रहण उस जाई।
अम्माँ बाबे दी भलेआई, ओह हुण कम्म असाड़े आई।
शब्दार्थ
<references/>